विद्या ददाति विनयम्

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विषयवस्तु विवरण



अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या होते हैं? उपयोगिता, आवश्यकता एवं महत्व || समग्र शब्दों की सूची

ऐसे शब्द जो एक पूरे वाक्य या वाक्यांश के बदले में उसके पूर्ण अर्थ को प्रकट करने हेतु प्रयोग किये जाते हों उन्हें "अनेक शब्दों के लिए एक शब्द" अर्थात 'समग्र शब्द' कहते हैं।
दूसरे शब्दों में कहें तो अभिव्यक्ति में संक्षिप्तता, स्पष्टता एवं गंभीरता लाने के लिए लंबी-चौड़ी बात न कहकर किसी ऐसे शब्द विशेष के माध्यम से अपना भाव स्पष्ट करते हैं जो उस पूरे वाक्य या वाक्यांश का अर्थ स्पष्ट कर देता हो। इस तरह के शब्दों को "अनेक शब्दों के लिए एक शब्द" का प्रयोग कहते हैं।

उदाहरण— अनेक शब्दों द्वारा व्यक्त किये गये किसी भाव को एक शब्द द्वारा व्यक्त कर देना भी एक कला है। इसके उदाहरण देखें―
(i) यह बात सहन न करने योग्य है।
वाक्य के स्थान पर
"यह बात असह्य है।"
कह सकते हैं।
यहाँ "सहन न करने योग्य" = 'असह्य' शब्द का प्रयोग किया गया है। इसी प्रकार―
(ii) 'अपनी इच्छानुसार कार्य करने वाले' व्यक्ति को एक शब्द में 'दुराग्रही' कहते हैं।
(iii) अभिनय करने वाला पुरुष को 'अभिनेता' तथा
(iv) अभिनय करने वाली स्त्री को एक शब्द में 'अभिनेत्री' कहते हैं। इस तरह से कहने पर वाक्य ज्यादा सुगठित एवं प्रभावशाली लगते हैं। इस तरह के शब्दों की रचना हेतु उपसर्ग-प्रत्यय एवं संधि-समास की जानकारी होना बहुत जरूरी है।

उपयोगिता

1. कम शब्दों में अधिक भाव― ऐसा कहा गया है कि कम-से-कम शब्दों में अधिकाधिक भाव या विचार अभिव्यक्त करना अच्छे लेखक अथवा वक्ता का गुण है। इसके लिए ऐसे शब्दों का ज्ञान आवश्यक है जो विभिन्न वाक्यांशों या शब्द-समूहों का अर्थ देते हों। ऐसे शब्दों के प्रयोग से कृति (रचना) में कसावट आती है और अभिव्यक्ति प्रभावशाली होती है।

2. सारांश लेखन में सहायक― अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द प्रयुक्त होने से अल्प समय में अधिक से अधिक ज्ञान सम्पादन किया जा सकता है। सूत्र-शैली अथवा अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का उपयोग सारांश लेखन में बहुत सीमा तक सहायक होते हैं।

3. स्थान व समय की बचत― भाषा को रोचक बनाने के लिए अनेक शब्दों/वाक्यांशों अथवा वाक्यों के लिए एक शब्द का प्रयोग करना चाहिए। ऐसा करने से जहाँ एक ओर समय की बचत होती है वही दूसरी ओर भाषा में कसावट आती है। लेखन में भी समय के साथ-साथ स्थान की भी बचत होती है।

4. सार्थक शब्द का प्रयोग एवं दुरूहता निराकरण― अनेक शब्दों के स्थान पर यदि एक सार्थक शब्द का प्रयोग होता है तो बात बहुत ही उत्तम तथा भावपूर्ण हो जाती है। भावों की अभिव्यक्ति की दुरूहता का निराकरण करने के लिए ही अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग होता है।

आवश्यकता कैसे महसूस हुई?

अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग करने का प्रचलन अत्यन्त प्राचीन है। दुरूह तथा गहन विषयों के प्रतिपादन के लिए सूत्र शैली अति प्राचीनकाल से उपयोग में आती रही है। सूत्र-शैली में अर्थात् एक शब्द में आशय की अभिव्यक्ति करने से भाषा वेगशाली तथा बलवती हो जाती है।

जिस समय लेखन आदि के साधन सीमित थे, लोग इस पद्धति का उपयोग कर विस्तृत बात को संक्षेप में प्रस्तुत कर देते थे। प्राचीनकाल में जब कागज आदि उपकरण दुर्लभ थे तब लोग इसी समास पद्धति का आश्रय लेते थे। इस प्रकार संक्षेप में कही गयी बात का कंठाग्र करना भी सरल होता था, इसीलिए इस पद्धति को अच्छा माना जाता था। आज यद्यपि लेखन सामग्री मिलने में कठिनाई नहीं होती फिर भी समयाभाव के कारण विस्तृत बात को संक्षेप में कहना ही उचित माना जाता है । आज बड़े-बड़े लेखों, भाषणों यहाँ तक कि उपन्यासों को भी संक्षिप्त रूप में ही प्रस्तुत किया जाता है।

आज के जटिल युग में, जबकि मानव प्रातः से लेकर सायंकाल तक रोटी तथा रोजी की समस्या के निराकरण में ही संलग्न रहता है, संक्षिप्त शब्द अथवा भाषा का गौरव तथा महत्त्व और भी अधिक हो गया है। अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द प्रयुक्त होने से अल्प समय में अधिक से अधिक ज्ञान सम्पादन किया जा सकता है। सूत्र-शैली अथवा अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का उपयोग सारांश लेखन में बहुत सीमा तक सहायक होते हैं।

कैसे शब्दों का प्रयोग करें?

भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गंभीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके। 'गागर में सागर भरना' कहावत यहीं चरितार्थ होती है। समास, तद्धित और कृदंत वाक्यांश या वाक्य एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किए जा सकते है। ऐसी हालत में मूल वाक्यांश या वाक्य के शब्दों के अनुसार ही एक शब्द या पद का निर्माण होना चाहिए। दूसरी बात यह कि वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी है, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते हैं।

आइए नीचे 'अनेक शब्दों के लिए एक शब्द' (समग्र शब्द) की सूची देखें―
शब्द समूह ------------- एक शब्द
1. बड़ी इमारतों के टूटे-फूटे शेष भाग ― खण्डहर
2. मछली की तरह आँखों वाली ― मीनाक्षी
3. जो अनेक रूप धारण करे ― बहुरुपिया
4. पाप करने के बाद स्वयं दण्ड पाना ― प्रायश्चित
5. जिसके समान कोई दूसरा न हो ― अद्वितीय
6. जो ठीक समय पर न हो ― असामयिक
7. जो कहा न जा सके ― अकथनीय
8. जिसकी गहराई का पता न हो ― अथाह
9. जो क्षमा (माफ) न किया जा सके ― अक्षम्य
10. जिसके शरीर में केवल हड्डियाँ शेष रह गयी हों ― जर्जर अस्विशेप
11. जिस पर मुकदमा चल रहा हो ― अभियुक्त
12. जिस पर अपराध सिद्ध हो चुका हो ― अपराधी
13. देर लगाकर काम करने वाला ― दीर्घसूत्री
14. बोलने वाला व्यक्ति ― वक्ता
15. सुनने वाले लोग ― श्रोतागण
16. निर्णय करने वाला ― निर्णायक
17. समीक्षा करने वाला ― समीक्षक
18. आलोचना करने वाला ― आलोचक
19. जो पूजा के योग्य हो ― पूज्य पूजनीय
20. जो प्रशंसा के योग्य हो ― प्रशंसनीय
21. जो बिना वेतन के कार्य करता हो ― अवैतनिक
22. युगों से निरन्तर चला आने वाला ― सनातन
23. हानि को पूरा करना ― क्षतिपूर्ति
24. जिसके माता-पिता न हो ― अनाथ
26. जिसे जाना न जा सके ― अज्ञेय
25. जिसका आदि न हो ― अनादि
27. जिसका अंत न हो ― अनंत
28. जो सबके साथ समान व्यवहार करें ― समदर्शी
29. जो हर स्थान पर विद्यमान हो ― सर्वव्यापी
30. जो सहन करने की शक्ति रखता हो ― सहनशील/सहिष्णु
31 जिसमें सबकी सम्मति हो ― सर्वसम्मति
32. सिर पर धारण करने योग्य ― शिरोधार्य
33. जो शरण में आया हो ― शरणार्थी
34. जिसका इलाज न हो ― लाइलाज
35. प्रतियोगिता आदि में किसी से होड़ लेना ― प्रतिस्पर्द्धा
36. जो सरलता से प्राप्त हो ― सुलभ
37. जिसका पति मर चुका हो ― विधवा
38. जिसका पति जीवित हो ― सुहागिन
39. रास्ता दिखाने वाला ― पथप्रदर्शक
40. दूसरों के सहारे पर जीवित रहने वाला ― परजीवी/परावलम्बी
41. जो अभी-अभी आया हो ― नवागत
42. चार वेदों को जानने वाला ― चतुर्वेदी
43. अपना मतलब निकालने वाला ― स्वार्थी
44. छिपकर कार्य करने वाला ― गुप्तचर/जासूस
45. जो हुआ न गया हो ― अछूता
46. जो हमारा परिचित न हो ― अपरिचित
47. जो हिंसा में विश्वास न रखता हो ― अहिंसक
48. जहाँ इलाज के लिए जाते हैं ― अस्पताल/चिकित्सालय
49. जो अभिनय करता हो ― अभिनेता
50. भीतर का घर ― अंतःकक्ष/अंतगृह
51 घर के भीतर रहने वाला ― अंतगृही
52. हाथों को घुटनों के बीच लिए हुए ― अंतर्जानु
53. मन के अंदर होने वाला ज्ञान ― अंतर्ज्ञान
54. हृदय या डाह की जलन ― अंतर्दाह
55. भीतर की बात जानने वाला ― अंतर्यामी
56.. अंतःकरण की वेदना ― अंतर्वेदना
57. जिसके मस्तिष्क में बुद्धि न हो ― अंधखोपड़ी
58. न कहने योग्य ― अकय/अकथ्य
59. न करने योग्य ― अकरणीय
60. जिसमें करुणा न हो ― अकरुण
61 जिसकी कल्पना न की जाए ― अकल्पनीय
62. असामयिक मृत्यु ― अकाल मृत्यु
63. वयस्क होने पर निकलने वाला दाँत ― अक्कलदाढ़
64. न खरीदा हुआ ― अक्रीय
65. जिसका किनारा या अंत न हो ― अकूल
66. जो कृतज्ञ न हो ― कृतघ्न
67. जिसका क्षय न हो ― अक्षय
68. जिसने घटना को अपनी आँखों से देखा हो ― चश्मदीद गवाह
69. जिसके टुकड़े न हो सकें ― अखंड
70. जिसके टुकड़े न हुए हों ― अखण्डित
71. न खायी जाने योग्य वस्तु ― अखाय
72. न गिनने योग्य ― अगणनीय/अगण्य
73, जिसकी गणना न हो ― अगणित
74. एक पेड़ जितकी लकड़ी सुगंधित होती है ― अगर
75. सुगधि से निर्मित जलाने की पतली बत्ती ― अगरबत्ती
76. अग्नि से उत्पन्न ― अग्निज
77. जिसकी गिनती सबसे पहले हो ― अग्रगण्य
78. आगे लिखा हुआ ― अग्रलिखित
79. जो पैदा न हुआ हो ― अजात
80. जाति से अलग किया हुआ व्यक्ति ― अजाती
81. जो जीता न गया हो ― अजित
82. जो टुकड़े-टुकड़े हो गया हो ― खण्डित
83. जिस स्त्री के संतान हो जाती हो ― बन्ध्या
84. जिस पर विश्वास किया जा सके ― विश्वसनीय
85. इतिहास से पहले का ― प्रागैतिहासिक
86. जिसका हृदय पत्थर के समान कठोर हो ― पाषाण हृदय
87. जिसकी ईश्वर में आस्था न हो ― नास्तिक
88. घूमने-फिरने वाला ― घुमक्कड़
89. जिसके पास धन न हो ― निर्धन
90. जो उत्तर न दे सके ― निरुत्तर
91. जो दो भाषाएँ जानता हो ― दुभाषिवा
92. तीन मास में एक बार होने वाला ― त्रैमासिक
93. जानने की इच्छा रखने वाला ― जिज्ञासु
94. दूसरों के दोष को ढूँडने वाला ― छिद्रान्वेषी
95. जो निरंतर प्रयत्नशील हो ― कर्मठ
96. आकाश को छूने वाला ― गगनचुम्बी
97. जो छिपाने योग्य हो ― गोपनीय
98. जो व्यक्ति अपनी बुराई के लिए प्रसिद्ध हो ― कुख्यात
99. जिसने ऋण चुका दिया हो ― उऋण
100. जिस पर उपकार किया गया हो ― उपकृत
101. जिस शब्द के एकाधिक अर्थ निकलते हो ― अनेकार्थी, श्लिष्ट
102. पति-पत्नि का जोड़ा ― दम्पत्ति
103. जिसे देखकर डर लगे ― डरावना
104. अपनी बात पर अड़ा रहने वाला ― हठधर्मी
105. परदेश में जाकर बस जाने वाला ― प्रवासी
106. वह पहाड़ जिससे आग निकलती है ― ज्वालामुखी
107. जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो ― बहुचर्चित
108. साफ-साफ कहने वाला ― स्पष्ट वक्ता
109. जनता द्वारा चलाया जाने वाला राज ― जनतंत्र
110. जिसका अन्त न हो ― अनंत
111. जो धन का दुरुपयोग करता हो ― अपव्ययी
112. जो परीक्षा में असफल हो गया हो ― अनुत्तीर्ण
113. अग्नि से उत्पन्न ― अग्निज
114. बेदोक्त मंत्रों से अग्नि में आहुति देने की क्रिया ― अग्निहोत्र
115. जिसकी गिनती सबसे पहले हो ― अग्रगण्य
116. पहले पहुँचकर किसी के आने की सूचना देने वाला ― अग्रदूत
117. आगे लिखा हुआ ― अग्रलिखित
118. जिसका नाम विदित या ज्ञात न हो ― अज्ञेय
119. किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना ― अतिशयोक्ति
120. जिसका अनुभव इंद्रियों द्वारा न हो ― अतींद्रिय
121. मन न भरने की दशा ― अतृप्ति
122. जो संतुष्ट न हो ― अतृप्त
123. जो पहले न देखा गया हो ― अदृष्टपूर्व
124. 124. आत्मा-परमात्मा की एकता का सिद्धांत ― अद्वैतवाद
125. निरंकुश शासन में विश्वास रखने वाला ― अधिनायकवादी
126. अधिक संतान पैदा करने वाला ― अधिप्रज
127. अधिकारपूर्वक माँगने वाला ― अधियाचक
128. प्रधान अध्यापक ― अधिशिक्षक
129. नीचे लिखा हुआ ― अधोलिखित
130. नीचे हस्ताक्षर करने वाला ― अधोहस्ताक्षरकर्ता
131. जो छिपाने योग्य हो ― गोपनीय
132. अपनी बात पर अड़ा रहने वाला ― हठधर्मी
133. नया बनाने का कार्य ― आधुनिकीकरण
134. जिसके टुकड़े न हो सकें ― अखणनीय
135. समस्त लोक में अलग ― अलौकिक
136. जिसके शर्म न आती हो ― निर्लज्ज
137. दूर की बात सोचने वाला ― दूरदर्शी
138. जिसकी इच्छाएँ बहुत ऊँची हो ― महत्त्वाकांक्षी
139. हर पन्द्रहवें दिन आने वाला ― पाक्षिक
140. बनावटी रूप से उत्पन्न ― कृत्रिम
141. जिसका कोई आकार न हो ― निराकार
142. जिसका जन्म अच्छे कुल में हो ― कुलीन
143. उत्तम आचरण करने वाला ― सदाचारी
144. विषय विशेष में जानकार ― विशेषज्ञ
145. खुले हाथ से दान देना ― मुक्तहस्त
146. डर के कारण भयभीत ― भयाकुल
147. नवीन उत्पत्ति वाला ― नवजात
148. सूरज निकलने से पूर्व का समय ― ऊषाकाल
149. जो कलंक रहित हो ― निष्कलंक
150. जो पढ़ने योग्य न हो ― अपठनीय
151. जहाँ पहुँचा न जा सके ― अगम्य
152. जो दिखाई न दें ― अदृश्य
153. जो थोड़ा जानता हो ― अल्पज्ञ
154. जो सब कुछ जानता हो ― सर्वज्ञ
155. चारों तरफ चक्कर काटना ― परिक्रमा
156. जो किसी पर आश्रित न हो ― निराश्रित
157. जो अपना कर्तव्य न समझ पा रहा हो ― किंकर्तव्यविमूढ़
158. लेख की नकल ― प्रतिलिपि
159. ईश्वर में विश्वास रखने वाला ― आस्तिक
160. जिस पर इलाज न हो सके ― असाध्य
161, जो बहुत अधिक खर्च करता हो ― अपव्ययी
162. जिसके पास कुछ भी न हो ― अकिंचन
163. आन्तरिक ज्ञान प्राप्त करने की शक्ति ― अन्तर्दृष्टि
164. अण्डे से पैदा होने वाला ― अण्डज
165. अपनी हत्या आप करने वाला ― आत्मघाती
166. जो नई वस्तु की खोज करें ― आविष्कारक
167. जो आशा से अधिक हो ― आशातीत
168. ऊपर चढ़ने वाला ― आरोही
169. नीचे उतरने वाला ― अवरोही
170. कंठ तक डूब हुआ ― आकंठमग्न
171. अपने पर बीती हुई ― आपबीती
172. जो अतिथि का सत्कार करें ― अतिथेय
173. जीवनपर्यन्त ― आजीवन
174. अचानक घटित होने वाला ― आकस्मिक
175. किसी की हँसी उड़ाना ― उपहास
176. जिस पर उपकार किया गया हो ― उपकृत
177. इतिहास का ज्ञाता ― इतिहासज्ञ
178. इन्द्रियों से परे ― इन्द्रियातीत
179. जिसने इंद्र को जीत लिया हो ― इन्द्रजीत
180. छाती के बल चलने वाला ― उरग (साँप)
181. उद्योगों से सम्बन्धित ― औद्योगिक
182. अपनी इच्छा से किया जाने वाला कार्य ― ऐच्छिक
183. नमी से भाप बनकर उड़ने की क्रिया ― उत्स्वेदन
184. जब किसी एक ही अंग पर जोर दिया गया हो ― एकांगी
185. जिस धरती में कुछ पैदा न होता हो ― ऊसर
186. जो काम से जी चुराता हो ― कामचोर
187. काँटों से भरा हुआ ― कंटकाकीर्ण
188. तेज बुद्धि वाला ― कुशाग्रबुद्धि
189. कसैले स्वाद वाला ― कषाय
190. जो कर्तव्य से हट गया हो ― कर्त्तव्यच्युत
191. जो काम करने में उत्साह रखता हो ― कर्मठ
192. कड़वा बोलने वाला ― कटुभाषी
193. दूसरों का बुरा चाहने वाला ― कुटिल 194. संध्या तथा रात्रि के बीच का समय ― गोधूलि
195. जो घोड़े पर सवार हो ― घुड़सवार
196. घृणा करने योग्य ― घृणित
197. हाथ में चक्र धारण करने वाला ― चक्रपाणि
198. किसी वस्तु को अपनी ओर खींचने वाला ― चुम्बकत्व
199. जिसके चार पैर हो ― चतुष्पद
200. जो जल में रहता हो ― जलचर
201. जो जन्म से अन्धा हो ― जन्मान्ध
202. जल में जन्म लेने वाला ― जलज
203. तप करने वाला ― तपस्वी
204. तत्त्व को जानने वाला ― तत्वज्ञ
205. जो किसी के पक्ष में न हो ― तटस्थ
206. तमोगुण (नीच) गुणों वाला ― तामसिक
207. बहुत तेज चलने वाला ― द्रुतगामी
208. जंगल में स्वयं लगने वाली आग ― दावाग्नि
209. देश की सेवा करने वाला ― देशभक्त
210. गोद लिया हुआ पुत्र या पुत्री ― दत्तक
211. दस मुँह वाला (रावण) ― दशानन
212. जो रात्रि में घूमता है ― निशाचर
213. जो सदा बदलने वाला हो ― परिवर्तनशील
214. मार्ग दिखाने वाला ― पथ-प्रदर्शक
215. किसी कार्य में निपुण ― पारंगत
216. फल खाकर गुजारा करने वाला ― फलाहारी
217. जिस काम का फल मिल चुका हो ― फलीभूत
218. जो बच्चों के लिए उपयोगी हो ― बालोपयोगी
219. जिसका सम्बन्ध भूगोल से हो ― भौगोलिक
220. जो पहले समय में हो चुका हो ― भूतपूर्व
221. जिसने स्वयं भोगा हो ― भुक्तभोगी
222. जो मांस खाता हो ― मांसाहारी
223. मीठी वाणी बोलने वाला ― मधुरभाषी
224. हिरण जैसी आँखों वाली ― मृगनयनी
225. रेगिस्तान की धरती ― मरुभूमि
226. जो शक्ति के अनुसार हो ― यथाशक्ति
227. जो सारे राष्ट्र (देश) से सम्बन्ध रखता हो ― राष्ट्रीय
228. रचना करने वाला ― रचयिता
229. राजनीति करने वाला ― राजनैतिक
230. जिसमें नीचे रेखा खींची गई हो ― रेखांकित
231. जिसका पेट लम्बा हो ― लम्बोदर
232. वीर को जन्म देने वाली ― वीरप्रसूता
233. बहुत बढ़-चढ़कर बोलने वाला ― वाचाल
234. जो सब जगह फैला हो ― सर्वव्यापक
235. स्पष्ट (साफ) बात कहने वाला ― स्पष्टवादी
236. जो सहन कर सकता हो ― सहिष्णु
237. किसी विशेष सम्प्रदाय से सम्बन्धित ― साम्प्रदायिक
238. जो देर तक याद रखा जाने योग्य हो ― स्मरणीय
239. जो शरण में आया हो ― शरणागत
240. जो सभी प्रकार की शक्ति से सम्पन्न हो ― सर्वशक्तिमान
241. जिसके अंत में अनुस्वार हो ― अनुस्वारांत
242. अन्वेषण करने का स्थान ― अन्वेषणालय
243. वह संज्ञा जिससे किसी की संतान का अर्थ मिले ― अपात्यवाचक
244. अपमान करने वाला ― अपमानी, अपमानकारी
245. बुरी तरह मार डालना ― अपहनन
246. छीनने वाला या हर लेने वाला ― अपहर्ता
247. चुराया हुआ ― अपहत
248. अभिनंदन करने योग्य ― अभिनंदनीय
249. मंत्र द्वारा शुद्ध किया हुआ ― अभिमंत्रित
250. जो पहले से न सुना गया हो ― अश्रुतपूर्व
251. भली-भाँति सजाया हुआ ― अभिमंडित
252. अभिनय किया हुआ ― अभिनीत
253. अग्नि सम्बन्धी या अग्नि से उत्पन्न ― आग्नेय
254. आचरण योग्य ― आचरणीय
255. आज्ञा या हुक्म देने वाला ― आज्ञापक
256. अतिथि का सत्कार ― आतिथ्य
257. विदेश से लाया हुआ माल ― आयातित
258. जिसकी आराधना की गयी हो ― आराधित
259. इंद्र को जीतने वाला ― इंद्रजित
260. खाने योग्य ― आहार्य
261. अपनी इच्छानुसार चलने वाला ― स्वेच्छाधारी
262. वेद मंत्र जो पद्य में हों ― ऋचा
263. ऋगवेद को जानने या पढ़ने वाला ― ऋग्वेदी
264. जो टेढ़ा न हो ― ऋजु
265. जिसका उच्चारण ओंठ से हो ― ओष्ठ्य
266. कार्य में बदला हुआ ― कार्यान्वित
267. बहुत खाने वाला ― खवैया/खाऊ
268. गिनने के योग्य ― गण्य
269. गाने वाला ― गायक
270. जो गर्भ में हो ― गर्भस्थ
271. गान-विद्या का पूरा ज्ञान ― गायकी
272. जिसमें अनेक गुण हों ― गुणाकर
273. लिया, पकड़ा या रखा हुआ ― गृहीत
274. गाँठ दिया हुआ या गूँथा हुआ ― ग्रंथित, ग्रथित
275. गुणा किया हुआ ― गुणित
276. गाँव में रहने वाला ― ग्रामीण
277. गाँव का या गाँव से संबंध रखने वाला ― ग्राम्य
278. घर से संबंध रखने वाला ― घरू
279. घर-संबंधी या घर का पालतू ― गृही
280. चार अंगों वाली सेना ― चतुरंगिणी
281. चार गुणों वाला ― चतुर्गुण
282. चार भुजाओं वाला ― चतुर्भुज
283. चार युगों का समय ― चतुर्युगी
284. चार कोणों वाला ― चतुष्कोण
285. वह नौकर जो चपरास पहने हो ― चपरासी
286. चर्चा करने वाला ― चर्चक
287. जो चर्चा करने योग्य हो ― चर्चित
288. चवाया हुआ ― चर्वित
289. चिंता में डूबा हुआ ― चिंताग्रस्त
290. चिंतित करने वाला ― चिंताजनक
291. चिंताओं में लगा हुआ ― चिंतामग्न
292. चिंताओं का प्रवाह ― चिंताधारा
293. जो चिंता से दुखी हो ― चिंताव्यथित
294. जो प्रायः सोच विचार करता हो ― चिंतनशील
295. चिंतन या ध्यान करने योग्य ― चिंतनीय
296. जिसे बहुत दिनों तक पाला-पोसा गया हो ― चिरपोषित
297. जो बहुत दिनों से प्रसिद्ध हो ― चिरप्रसिद्ध
298. जो बहुत दिनों से बीमार हो ― चिररोगी
299. बहुत दिनों से भूला हुआ ― चिरविस्मृत
300. बहुत दिनों तक रहने वाला ― चिरस्थायी
301. चार पैरों वाला पशु ― चौपाया
302. चार खंडों वाला ― चौमंजिला
303. जिसके अंग छिन्न-भिन्न हो गये हों ― छिन्नभिन्नांग
304. जिसका अंग कटा हो ― छिन्नांग
305. जकड़ा हुआ या जड़ा हुआ ― जड़ित
306. पैदा करने वाली ― माता/जननी
307. पैदा करने वाला ― जनक/पिता
308. जीतने की इच्छा ― जिगीषा
309. जीने की इच्छा ― जिजीविषा
310. ठगने का काम ― ठगी
311. तर्क करने वाला ― तार्किक
312. तर जाने की इच्छा ― तितीर्षा
313. घास चरने वाला ― तृणभक्षी
314. घास-भूसा खाने वाला ― तृणावर्त
315. पैनी दृष्टि वाला ― सूक्ष्मदृष्टा
316. तेज से पागल ― तेजोन्मत्त
317. जिसका तेज नष्ट हो गया हो ― तेजोभ्रष्ट
318. तेज से परिपूर्ण ― तेजोमय
319. वह क्षेत्र जहाँ से तेल निकलता है ― तेल क्षेत्र
320. तीन चरण वाला ― त्रिचरणी
321. तीन आँखों वाला ― त्रिनेत्री
322. तीन मात्राओं वाला ― त्रिमात्रिक
323, तीन सदस्यों वाली ― त्रिसदस्यीय
324. तीन वर्षों में होने वाला ― त्रिवार्षिक
325. बिना दाँत का ― दंतहीन
326. जो डंडे कि भाँति सीधा खड़ा हो सके ― दंडायमान
327. बड़े-बड़े दाँतो वाला ― दैतुला
328. दाँत से काटने वाला ― दंशक/दंशी
329. दमन करने वाला ― दमनकारी
330. दमन किया हुआ ― दमित
331. जो दया का पात्र हो ― दयापात्र
332. जो दया चाहता हो ― दयाप्रार्थी
333. दर्शन की इच्छा करने वाला ― दर्शनाभिलाषी
334. दर्शन करने वाले लोग ― दर्शनार्थी
335. दर्शन करने या देखने योग्य ― दर्शनीय
336. देखने वाला ― दर्शी
337. देने की इच्छा ― दित्सा
338. देने का इच्छुक ― दित्सु
339. देखने की इच्छा ― दिदृशा
340. देखने का इच्छुक ― दिदुक्षु
341. दीक्षा देने वाला ― दीक्षक
342. जिसने दीक्षा ग्रहण की हो ― दीक्षित
343. बड़े डील-डौल वाला ― विशालकाय
344. लंबे समय वाला ― दीर्घकालिक
345. तेज चलने वाला ― दीर्घगति
346. जो बहुत दिनों तक जिए ― दीर्घजीवी
347. बड़ी-बड़ी भुजाओं वाला ― दीर्घबाहु
348. दूर तक सुना गया ― दीर्घश्रुत
349. दुःख या कष्ट देने वाला ― कष्टदायक
350. दुःख का अंत करने वाला ― दुःखांत
351. जिसे जीतना बहुत कठिन हो ― दुर्जय/दुर्जेय
352. जिसे जल्दी वश में न किया जा सके ― दुर्द्धर्ष
353. जिसे सरलता से न जाना जा सके ― दुर्बोध
354. बुरा काम करने वाला ― दुष्कर्मी
355. कठिनता से पढ़ने योग्य ― दुष्पाठ्य
356. दूर रहने वाला ― दूरस्थ
357. दूर किया हुआ ― दूरीकृत/दूरातरित
358. मजबूती से बँधा हुआ ― दृढ़बद्ध
359. पिघला हुआ ― द्रवीभूत
360. धन देने की आज्ञा, आदेश ― धनादेश
361. धन चाहने वाला ― धनार्थी
362. ध्वनि से युक्त ― ध्वन्यात्मक
363. नींद से व्याकुल ― निद्राकुल
364. नियम का निश्चय करने वाला ― नियमनिर्धारक
365. नियम मानने वाला ― नियमपरायण
366. नियम द्वारा सम्मानित ― नियमसम्मत
367. मांस-रहित ― निरामिष
368. निरूपण करने योग्य ― निरूप्य
369. बाहर गया हुआ ― निर्गत
370. वह पत्र जिस पर लिखित फैसले हों ―न्यायपत्र
371. निष्पक्ष निर्णय करने वाला ―न्यायी
372. जिसने मृत्यु को जीत लिया हो ― परामृत, मृत्युजंय
373. परिचय कराने वाली ― परिचायिका
374. परिवर्तन करने वाला ― परिवर्तनकारी
375. परीक्षा किये जाने योग्य ― परीक्ष्य
376. पत्नी के रूप में स्वीकार किया हुआ ― पाणिगृहीत
377. पिता को जन्म देने वाली ― पितामही
378. पितरों को अर्पित किया जाने वाला भोजन ― पितृभोजन
379. जो पुरुषों के लिए उचित हो ― पुरुषोचित
380. यज्ञ की समाप्ति पर दी जाने वाली आहुति ― पूर्णाहुति
381. पहले सें किया गया अनुमान ― पूर्वानुमान
382. पीछे चलने वाला ― पृष्ठगामी/पृष्ठानुग
383. जिसकी प्रकल्पना हुई हो ― प्रकल्पित
384. प्रक्षेपण योग्य ― प्रक्षेपणीय
385. प्रजातंत्र संबंधी ― प्रजातंत्री/प्रजातंत्रीय
386. प्रतिवादन करने वाला ― प्रतिपादक
387. नेकी के बदले की गयी नेकी ― प्रत्युपकार
388. सिद्ध करने या प्रमाण करने का विषय ― प्रमेय
389. प्रस्ताव के रूप में रखा गया ― प्रस्तावित
390. प्रकृति-संबंधी ― प्राकृतिक
391. प्रार्थना करने योग्य ― प्रार्थ्य/प्रार्थनीय
392. भला या हित चाहने वाला ― प्रियकांक्षी, हितांक्षी
393. उदार एवं सरल हृदय वाला ― उदारहदय
394. किसी काम में प्रवृत्त या प्रेरित करने वाला ― प्रेरक
395. उत्साह बढ़ाने वाला ― प्रोत्साहक
396. गुलाम बेचने वाला ― बंदाफरोश
397. बात में रस लाने वाला ― बतरसिया
398. अनेक उद्देश्य वाली ― बहुद्देश्यीय
399. जिसने बहुत कुछ देखा हो ― बहुदर्शी
400. बुद्धिमान होने का भाव ― बुद्धिमत्ता
401. बुद्धि के अनुरूप ― बुद्धिसंगत
402. परामर्थ तत्त्व का बोध रखने वाला ― ब्रह्मज्ञानी
403. भाग्य में लिखी गई बातें ― भाग्यलिपि
404. भाषा-विज्ञान का ज्ञाता ― भाषाविज्ञानी
405. भ्रम से उत्पन्न ― भ्रमजन्म
406. मार्ग से विचलित ― मार्गभ्रष्ट
407. भ्राता या भाई संबंधी ― भ्रात्रीय
408. मंत्र से मोहित ― मंत्रमुग्ध
409. मत की एकता ― मतैक्य
410. माया रचने वाला ― मायावी
411. वचन द्वारा संबंध स्थापित किया हुआ ― मुँहबोला
412. मरने की इच्छा ― मुमूर्षा
413. मंत्रों के समान ― मंत्रवत्
414. जहाँ तक हो सके ― ययासंभव
415. प्रायः याचना करने वाला ― याचिष्णु
416. रक्त का प्यासा ― रक्तपिपासु
417. लाभ का इच्छुक ― लाभार्थी
418. वंश की वृद्धि करने वाला ― वंशवर्धक
419. वज्र के सामन कठोर देह वाला ― वज्रदेह
420. वनों से घिरा प्रदेश ― वनस्थली
421. विचारों को उभारने वाला ― विचारोत्तेजक
422. विधानसभा का सदस्य ― विधायक
423. विभाग करने योग्य ― विभाज्य
424. जिसमें विष मिला हो ― विषाक्त
425. व्यवस्था या रूप देना ― व्यवस्थीकरण
426. भवन आदि की नींव का पत्थर रखना ― शिलान्यास
427. श्रृंगार संबंधी ― श्रृंगारिक
428. श्रेणी में आया हुआ ― श्रेणीकृत
429. संख्यासूचक अंक लगाना ― संख्यांकन
430. संभावना का बोध कराने वाला ― संभावनार्थक
431. साथ लगा हुआ पत्र ― संलग्नक
432. संस्था में आया हुआ ― संस्थागत
433. सत्यासत्य का विवेक करने वाला ― सत्यदर्शी
434. सब पर विजय पाने वाला ― सर्वजेता
435. सुख में अंत होने वाली रचना ― सुखांत
436. चतुर या गुणवती स्त्री ― सुविदा
437. वह जमीन जिसमें कुछ भी पैदा न हो ― ऊसर
438. जो केवल एक आँख वाला हो ― एकाक्ष
439. बनावटी रूप में पैदाइश ― कृत्रिम
440. सौन्दर्ययुक्त लम्बे केशों से युक्त नारी ― केशिनी
441. कार्य में संलग्न रहने वाला ― कर्मठ
442. जो किसी अच्छे एवं बुरे कार्य का वर्णन करता हो ― आलोचक
443. वह चीज जिसकी चाह हो ― इच्छित
444. सूरज के उदय होने का स्थान ― उदयाचल
445. जिसका जन्म अच्छे कुल में हुआ हो ― कुलीन
446. ऐसा पुष्प जो अभी विकसित न हुआ हो ― कली
447. ऐसी जमीन जो उत्पादक हो ― उर्वस
448. केवल इसी लोक से सम्बन्धित ― इहलौकिक
449. कृपा के कारण सन्तोष धारण किए हुए ― कृतार्थ
450. स्वयं की इच्छा पर निर्भर ― ऐच्छिक
451. जिसके ऊपर किसी का उपकार हो ― उपकृत
452. वित्त सम्बन्धी ― वित्तीय
453. जिसका, सम्बन्ध आत्मा से हो ― आध्यात्मिक
454. जो इन्द्र पर विजय प्राप्त कर चुका हो ― इन्द्रजित
455. सिर से लेकर पैरों तक ― आपदमस्तक
456. इतिहास से सम्बन्धित ज्ञान रखने वाला ― इतिहासज्ञ
457. नया बनाने का कार्य ― आधुनिकीकरण
458. जहाँ इन्द्रियाँ न पहुँच सकें ― इन्द्रियातीत
459. जो सर्वप्रथम गिना जाता हो ― अग्रगण्य
460. जो समान न हो ― असम
461. जिसे ईश्वर एवं धर्म में विश्वास हो ― आस्तिक
462. आरम्भ से अन्त तक ― आद्योपान्त
463. तथा शरीर धारण करने वालों द्वारा प्रदत्त यातनाएँ ― आधिभौतिक
464. समस्त लोक से भी अलग ― अलौकिक
465. जिसका विभाजन न किया गया हो ― अविभक्त
466. जिसमें कुछ भी ज्ञान न हो ― अज्ञ
467. जो परिणय सूत्र में न बँधा हो ― अपरिणीत
468. जो पान न की जा सके ― अपेय
469. जिसको व्यवहार में नहीं लाया जाता हो ― अव्यवहत
470. जिस वस्त्र को पहना नहीं गया हो ― अप्रहत
471. जिसे सूँधा जा सके ― आग्रेय
472. दूसरे उपाय से रहित ― अनन्योपाय
473. जिसको थोड़ा ज्ञान हो ― अल्पज्ञ
474. जिसका चिन्तन न किया जा सके ― अचिन्त्य
475. जिसे इन्द्रियों से अनुभव न किया जा सके ― अतीन्द्रिय
476. वह जिसके ऊपर हमला किया गया हो ― आक्रान्त
477. जो दूसरे से सम्बन्धित न हो ― अनन्य
478. जिसका वध करना अनुचित हो ― अवघ्य
479. विकृत शब्द ― अपभ्रंश
480. जो दूसरे के बलबूते पर हो ― अपरबल
481. बेकार तथा फिजूलखर्ची ― अपव्ययी
482. जिसमें दूर की बात सोचने की शक्ति न हो ― अदूरदर्शी
483. जिसके अन्दर प्रशंसा किए जाने की योग्यता न हो ― अप्रशस्त
484. जो दुरुस्त अंगों वाला हो ― अपांग
485. जिसका प्रमाण न दिया जा सके ― अप्रामाण्य
486. पलकों को गिराए बगैर ― निर्निमेष, अनिमेष
487. जिसका भेद न किया जा सके ― अभेद्य
488. भूत एवं देवता आदि के द्वारा उत्पन्न यातनाएँ ― आधिदैविक
489. जो बिना ढका हो ― अनावृत
490. जिसे खाया न जा सके ― अखाय
491. वह जिसका कोई शत्रु न हो ― अजातशत्रु
492. उपमा से रहित हो ― अनुपम
493. जो वर्णन से रहित हो ― अनिवर्चनीय
494. जिसे रोका न गया हो ― अनिरुद्ध
495. नियमों के प्रतिकूल ― अनियमित
496. जिसका त्याग नहीं किया जाए ― अपरिहार्य
497. पहाड़ के ऊपर एक-सी जमीन ― अधित्यका
498. जो कभी जन्म धारण न करता हो ― अजन्मा
499. जिसे देखा न जा सके ― अदृश्य
500. जिसकी गिनती न की जा सके ― अगणित

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1. भाषा का आदि इतिहास - भाषा उत्पत्ति एवं इसका आरंभिक स्वरूप
2. भाषा शब्द की उत्पत्ति, भाषा के रूप - मौखिक, लिखित एवं सांकेतिक
3. भाषा के विभिन्न रूप - बोली, भाषा, विभाषा, उप-भाषा
4. मानक भाषा क्या है? मानक भाषा के तत्व, शैलियाँ एवं विशेषताएँ
5. देवनागरी लिपि एवं इसका नामकरण, भारतीय लिपियाँ- सिन्धु घाटी लिपि, ब्राह्मी लिपि, खरोष्ठी लिपि
6. विश्व की प्रारंभिक लिपियाँ, भारत की प्राचीन लिपियाँ

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1. हिन्दू (हिन्दु) शब्द का अर्थ एवं हिन्दी शब्द की उत्पत्ति
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2. वाणी - यन्त्र (मुख के अवयव) के प्रकार- ध्वनि यन्त्र (वाक्-यन्त्र) के मुख में स्थान
3. हिन्दी भाषा में स्वर और व्यन्जन || स्वर एवं व्यन्जनों के प्रकार, इनकी संख्या एवं इनमें अन्तर
4. स्वरों के वर्गीकरण के छः आधार
5. व्यन्जनों के प्रकार - प्रयत्न, स्थान, स्वरतन्त्रिय, प्राणत्व के आधार पर

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3. मात्रा किसे कहते हैं? हिन्दी स्वरों की मात्राएँ, ऑ ध्वनि, अनुस्वार, अनुनासिक, विसर्ग एवं हलन्त के चिह्न
4. वर्ण संयोग के नियम- व्यन्जन से व्यन्जन का संयोग
5. बलाघात या स्वराघात क्या है इसकी आवश्यकता, बलाघात के भेद

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2. हिन्दी भाषा के विभिन्न अर्थ
3. हिन्दी भाषा एवं व्याकरण का संबंध
4. हलन्त का अर्थ एवं प्रयोग

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1. शब्द तथा पद क्या है? इसकी परिभाषा, विशेषताएँ एवं महत्त्व।
2. शब्द के प्रकार (शब्दों का वर्गीकरण)
3. तत्सम का शाब्दिक अर्थ एवं इसका इतिहास।
4. तद्भव शब्द - अर्थ, अवधारणा एवं उदाहरण
5. विदेशी/विदेशज (आगत) शब्द एवं उनके उदाहरण
6. अर्द्धतत्सम एवं देशज शब्द किसे कहते हैं?

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1. द्विज (संकर शब्द) किसे कहते हैं? उदाहरण
2. ध्वन्यात्मक या अनुकरण वाचक शब्द किन्हें कहते हैं?
3. रचना के आधार पर शब्दों के प्रकार- रूढ़, यौगिक, योगरूढ़
4. पारिभाषिक, अर्द्धपारिभाषिक, सामान्य शब्द।
5. वाचक, लाक्षणिक एवं व्यंजक शब्द
6. एकार्थी (एकार्थक) शब्द - जैसे आदि और इत्यादि वाक्य में प्रयोग
7. अनेकार्थी शब्द किसे कहते हैं? इनकी सूची
8. पूर्ण एवं अपूर्ण पर्याय शब्द एवं उनके उदाहरण
9. श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द क्या होते हैं एवं शब्द सूची
10. पुनरुक्त (युग्म) शब्द क्या होते हैं? उनके वर्ग

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1. पर्यायवाची शब्द क्या है?शब्दों की सूची
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3. समानार्थी या समानार्थक शब्द किसे कहते हैं? इसकी परिभाषा और विशेषताएँ
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5. हिन्दी वर्णों/अक्षरों के भाग― शिरोरेखा, अर्द्ध पाई, मध्य पाई, अंत पाई, वक्र, मध्यम् रेखा, हलन्त, बिन्दु, मात्रा चिह्न

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1. 'स्रोत भाषा' एवं 'लक्ष्य भाषा' क्या होती है? इनकी आवश्यकता एवं प्रयोग
2. दुःख, दर्द, कष्ट, संताप, पीड़ा, वेदना आदि में सूक्ष्म अंतर एवं वाक्य में प्रयोग
3. झण्डा गीत - झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
4. घमण्ड, अहंकार, दम्भ, दर्प, गर्व, अभिमान, अहम् एवं अहंमन्यता शब्दों में सूक्ष्म अंतर एवं वाक्य में प्रयोग

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1. शब्द– तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी | रुढ़, यौगिक और योगरूढ़ | अनेकार्थी, शब्द समूह के लिए एक शब्द
2. हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द
3. मुहावरे और लोकोक्तियाँ
4. समास के प्रकार | समास और संधि में अन्तर | What Is Samas In Hindi
5. संधि - स्वर संधि के प्रकार - दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण और अयादि

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3. वाक्य रचना में पद क्रम संबंधित नियम
4. द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार
5. प्रेरणार्थक / प्रेरणात्मक क्रिया क्या है ? || इनका वाक्य में प्रयोग

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4. रस के चार अवयव (अंग) – स्थायीभाव, संचारी भाव, विभाव और अनुभाव
5. छंद में मात्राओं की गणना कैसे करते हैं?

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1. घनाक्षरी छंद और इसके उदाहरण
2. काव्य में 'प्रसाद गुण' क्या होता है?
3. अपहनुति अलंकार किसे कहते हैं? || विरोधाभास अलंकार
4. भ्रान्तिमान अलंकार, सन्देह अलंकार, पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार
5. समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द– अपेक्षा, उपेक्षा, अवलम्ब, अविलम्ब शब्दों का अर्थ

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2. कुण्डलियाँ छंद क्या है? इसकी पहचान एवं उदाहरण
3. हिन्दी में मिश्र वाक्य के प्रकार (रचना के आधार पर)
4. मुहावरे और लोकोक्ति का प्रयोग कब और क्यों किया जाता है?
5. राष्ट्रभाषा क्या है और कोई भाषा राष्ट्रभाषा कैसे बनती है? || Hindi Rastrabha का उत्कर्ष

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1. अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार
2. भाषा के विविध स्तर- बोली, विभाषा, मातृभाषा || भाषा क्या है?
3. अपठित गद्यांश क्या होता है और किस तरह हल किया जाता है
4. वाच्य के भेद - कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य
5. भाव-विस्तार (भाव-पल्लवन) क्या है और कैसे किया जाता है?

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1. मध्यप्रदेश की प्रमुख बोलियाँ एवं साहित्य- पत्र-पत्रिकाएँ
2. छंद किसे कहते हैं? || मात्रिक - छप्पय एवं वार्णिक छंद - कवित्त, सवैया
3. काव्य गुण - ओज-गुण, प्रसाद-गुण, माधुर्य-गुण
4. अलंकार – ब्याज-स्तुति, ब्याज-निन्दा, विशेषोक्ति, पुनरुक्ति प्रकाश, मानवीकरण, यमक, श्लेष
5. रसों का वर्णन - वीर, भयानक, अद्भुत, शांत, करुण

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3. भाषा क्या है? | भाषा की परिभाषाएँ और विशेषताएँ
4. अलंकार क्या है? | वक्रोक्ति, अतिशयोक्ति और अन्योक्ति अलंकार
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4. स्थानांतरण प्रमाण पत्र हेतु आवेदन पत्र कैसे लिखें ?

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1. व्याकरण क्या है
2. वर्ण क्या हैं वर्णोंकी संख्या
3. वर्ण और अक्षर में अन्तर
4. स्वर के प्रकार
5. व्यंजनों के प्रकार-अयोगवाह एवं द्विगुण व्यंजन
6. व्यंजनों का वर्गीकरण
7. अंग्रेजी वर्णमाला की सूक्ष्म जानकारी

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1. लिपियों की जानकारी
2. शब्द क्या है
3. लोकोक्तियाँ और मुहावरे
4. रस के प्रकार और इसके अंग
5. छंद के प्रकार– मात्रिक छंद, वर्णिक छंद
6. विराम चिह्न और उनके उपयोग
7. अलंकार और इसके प्रकार

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
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2. देशज, विदेशी एवं संकर शब्द
3. रूढ़, योगरूढ़ एवं यौगिक शब्द
4. लाक्षणिक एवं व्यंग्यार्थक शब्द
5. एकार्थक शब्द किसे कहते हैं ? इनकी सूची
6. अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं उनकी सूची
7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या है उदाहरण
8. पर्यायवाची शब्द सूक्ष्म अन्तर एवं सूची
9. शब्द– तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी, रुढ़, यौगिक, योगरूढ़, अनेकार्थी, शब्द समूह के लिए एक शब्द
10. हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द
11. द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार

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1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
2. भिज्ञ और अभिज्ञ में अन्तर
3. किन्तु और परन्तु में अन्तर
4. आरंभ और प्रारंभ में अन्तर
5. सन्सार, सन्मेलन जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों
6. उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द क्या है.
7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार

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5. वाक्य रचना में पद क्रम संबंधित नियम
6. कर्त्ता क्रिया की अन्विति संबंधी वाक्यगत अशुद्धियाँ

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5. पुनरुक्त शब्द एवं इसके प्रकार | पुनरुक्त और द्विरुक्ति शब्दों में अन्तर

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5. समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द– अपेक्षा, उपेक्षा, अवलम्ब, अविलम्ब शब्दों का अर्थ

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4. काव्य गुण - ओज-गुण, प्रसाद-गुण, माधुर्य-गुण
5. अलंकार – ब्याज-स्तुति, ब्याज-निन्दा, विशेषोक्ति, पुनरुक्ति प्रकाश, मानवीकरण, यमक, श्लेष

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3. काव्य के भेद- श्रव्य काव्य, दृश्य काव्य, प्रबंध काव्य, मुक्तक काव्य, पाठ्य मुक्तक, गेय मुक्तक, नाटक, एकांकी
4. अकर्मक और सकर्मक क्रियाएँ, अकर्मक से सकर्मक क्रिया बनाना
5. योजक चिह्न (-) का प्रयोग क्यों और कहाँ होता है?
6. 'पर्याय' और 'वाची' शब्दों का अर्थ एवं पर्यायवाची और समानार्थी शब्दों में अंतर
7. 'हैं' व 'हें' तथा 'है' व 'हे' के प्रयोग तथा अन्तर || 'हैं' और 'है' में अंतर || 'हैं' एकवचन कर्ता के साथ भी प्रयुक्त होता है
8. अनुनासिक और निरनुनासिक में अंतर
9. हिन्दी की क्रियाओं के अन्त में 'ना' क्यों जुड़ा होता है? मूल धातु एवं यौगिक धातु
10. अनुस्वार युक्त वर्णों का उच्चारण कैसे करें?

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1. शब्द– तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी | रुढ़, यौगिक और योगरूढ़ | अनेकार्थी, शब्द समूह के लिए एक शब्द
2. हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द
3. मुहावरे और लोकोक्तियाँ
4. समास के प्रकार | समास और संधि में अन्तर | What Is Samas In Hindi
5. संधि - स्वर संधि के प्रकार - दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण और अयादि

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
1. व्यंजन एवं विसर्ग संधि | व्यंजन एवं संधि निर्माण के नियम
2. योजक चिह्न- योजक चिह्न का प्रयोग कहाँ-कहाँ, कब और कैसे होता है?
3. वाक्य रचना में पद क्रम संबंधित नियम
4. द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार
5. प्रेरणार्थक / प्रेरणात्मक क्रिया क्या है ? || इनका वाक्य में प्रयोग

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1. पूर्ण विराम का प्रयोग कहाँ होता है || निर्देशक एवं अवतरण चिह्न के उपयोग
2. शब्द शक्ति- अभिधा शब्द शक्ति, लक्षणा शब्द शक्ति एवं व्यंजना शब्द शक्ति
3. रस क्या है? || रस के स्थायी भाव || शान्त एवं वात्सल्य रस
4. रस के चार अवयव (अंग) – स्थायीभाव, संचारी भाव, विभाव और अनुभाव
5. छंद में मात्राओं की गणना कैसे करते हैं?

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1. घनाक्षरी छंद और इसके उदाहरण
2. काव्य में 'प्रसाद गुण' क्या होता है?
3. उपमा अलंकार एवं उसके अंग
4. अपहनुति अलंकार किसे कहते हैं? || विरोधाभास अलंकार
5. भ्रान्तिमान अलंकार, सन्देह अलंकार, पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार
6. समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द– अपेक्षा, उपेक्षा, अवलम्ब, अविलम्ब शब्दों का अर्थ

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1. प्रबंध काव्य और मुक्तक काव्य क्या होते हैं?
2. कुण्डलियाँ छंद क्या है? इसकी पहचान एवं उदाहरण
3. हिन्दी में मिश्र वाक्य के प्रकार (रचना के आधार पर)
4. मुहावरे और लोकोक्ति का प्रयोग कब और क्यों किया जाता है?
5. राष्ट्रभाषा क्या है और कोई भाषा राष्ट्रभाषा कैसे बनती है? || Hindi Rastrabha का उत्कर्ष

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1. अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार
2. भाषा के विविध स्तर- बोली, विभाषा, मातृभाषा || भाषा क्या है?
3. अपठित गद्यांश क्या होता है और किस तरह हल किया जाता है
4. वाच्य के भेद - कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य
5. भाव-विस्तार (भाव-पल्लवन) क्या है और कैसे किया जाता है?

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1. मध्यप्रदेश की प्रमुख बोलियाँ एवं साहित्य- पत्र-पत्रिकाएँ
2. छंद किसे कहते हैं? || मात्रिक - छप्पय एवं वार्णिक छंद - कवित्त, सवैया
3. काव्य गुण - ओज-गुण, प्रसाद-गुण, माधुर्य-गुण
4. अलंकार – ब्याज-स्तुति, ब्याज-निन्दा, विशेषोक्ति, पुनरुक्ति प्रकाश, मानवीकरण, यमक, श्लेष
5. रसों का वर्णन - वीर, भयानक, अद्भुत, शांत, करुण

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1. संज्ञा क्या है? | संज्ञा के प्रकार– व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, द्रव्यवाचक, समूहवाचक, भाववाचक
2. संज्ञा से सर्वनाम, विशेषण और क्रिया कैसे बनते हैं?
3. सर्वनाम क्या है? | संज्ञा और सर्वनाम में अन्तर || सर्वनाम के प्रकार
4. पुरूषवाचक सर्वनाम – उत्तमपुरूष, मध्यमपुरूष और अन्यपुरूष
5. निजवाचक सर्वनाम क्या होते हैं?

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1. निश्चयवाचक सर्वनाम और अनिश्चयवाचक सर्वनाम क्या होते हैं?
2. सम्बन्धवाचक सर्वनाम और प्रश्नवाचक सर्वनाम क्या होते हैं?
3. संयुक्त सर्वनाम क्या होते हैं?
4. विशेषण किसे कहते हैं? | विशेषण के प्रकार एवं उसकी विशेषताएँ
5. गुणवाचक विशेषण और संकेतवाचक (सार्वनामिक) विशेषण

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2. कार्यालयों में फाइलिंग (नस्तीकरण) क्या है?
3. राष्ट्रीय गीत "वन्दे मातरम" का हिन्दी अनुवाद।
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5. हिन्दी वर्णमाला में कितने वर्णों में रकार लग सकता है?
6. अ और आ का उच्चारण स्थान एवं संबंधित तथ्य
7. अनुतान क्या है? अनुतान के उदाहरण एवं प्रकार

I Hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
rfhindi.com

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