पुनरुक्त (युग्म) शब्द और इनके वर्ग (प्रकार) || Punrukkt shabd aur examples
पुनरुक्त का अर्थ है - एक बार फिर कहे हुए। अर्थात एक बार पुनः दोहराव हुआ हो। पुनरुक्त शब्दों के कई वर्ग हैं।
अर्थ और रचना की दृष्टि से युग्म (जोड़ा-जोड़ा) और पुनरुक्त शब्द बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।
प्रकार (वर्ग) -
[१] समान शब्दों का दोहराव - ऐसे शब्द जिनमें वही शब्द दो बार बोला जाता है।
उदाहरण -
क. घर-घर, घड़ी-घड़ी, गली-गली, मुहल्ले-मुहल्ले।
[इनका अर्थ है हर घर, हर घड़ी इत्यादि।]
ख. काले-काले, छोटे-छोटे, मीठे-मीठे, अच्छा-अच्छा, अलग-अलग।
[इनका अर्थ है कि ऐसे पदार्थ अलग हैं, और दूसरी तरह के पदार्थ अलग हैं।]
ग. दो-दो, चार-चार, आठ-आठ।
[इनका अर्थ है कि इतनी संख्या के समूह में।]
घ. चलते-चलते, बैठे-बैठे, पिला-पिलाकर।
[इनका अर्थ है कि कार्य लगातार होता रहा है।]
ङ. ऐसे कुछ जोड़ों के बीच में ही, न, से, का, की आदि शब्द लगकर अर्थ में विशेषता आती है।
जैसे - घर के घर, साथ ही साथ, कुछ न कुछ, कुछ से कुछ, कहाँ से कहाँ, कोई न कोई, कहीं न कहीं, कभी न कभी, भीतर का भीतर आदि।
[२] समानार्थकशब्दों का दोहराव - बल देने के लिए और अर्थ में विस्तार करने के लिए पर्याय या समानार्थक शब्दों का प्रयोग -
जैसे - बाल-बच्चे (सारा परिवार), मार-पीट, घन-दौलत (सारी संपत्ति), कपड़ा-लत्ता, जान-पहचान,' जोड़-तोड़, छान-बीन, झाड़-फूंक, देख-भाल, खेल-कूद, लीप-पोत, थका-माॅंदा, लिखा-पढ़ा, भूला भटका, भला-चंगा, भूला-बिसरा, चलते फिरते, हिलते डुलते, मिलना-जुलना, जानबूझकर, सोच-समझकर आदि।
[३] कभी-कभी शब्द की प्रतिध्वनि-सी पहले जोड़कर अर्थ में विशिष्टता लायी जाती है।
जैसे - निम्नलिखित में पहला शब्दांग प्रतिध्वनित है -
आस-पास, अदला-बदला, आमने-सामने, इने-गिने, अता-पता, अड़ोसी-पड़ोसी, अगल-बगल, आर-पार आदि।
टीप - उक्त उदाहरणों जो प्रतिध्वनित शब्द हैं, वे निरर्थक हैं; किन्तु सार्थक शब्द के साथ जुड़कर अर्थ का विस्तार करते हैं।
[४] कभी-कभी प्रतिध्वनित शब्द बाद में जुड़ता है।
जैसे - काग़ज़-वागज, मिठाई-विठाई, झूठ-मूठ, सच-मुच, पूछ-ताछ, चुप-चाप, ढूँढ़-ढाँढ़, बचा-खुचा, खाली-पीली, गलत-सलत आदि।
टीप - उक्त उदाहरणों जो प्रतिध्वनित शब्द हैं, वे निरर्थक हैं; किन्तु सार्थक शब्द के साथ जुड़कर अर्थ का विस्तार करते हैं।
[५] कभी-कभी दोनों शब्द निरर्थक होते हैं। वे सदा जोड़ों में प्रयुक्त होते हैं।
जैसे - अफरा-तफरी, अंट-संट, अनाप-शनाप, अड-बंड, हक्का-बक्का।
[६] कुछ युग्म ( जोड़े) विलोम या विपरीतार्थक शब्दों से बनते हैं।
जैसे - आगा-पीछा, आय-व्यय, आज-कल, ऊँच-नीच, राग-विराग, जीवन-मरण, छोटे बड़े, सुख-दु:ख, हिताहित, हानि-लाभ, यश-अपयश, शत्रु-मित्र आदि।
शब्द निर्माण एवं प्रकारों से संबंधित प्रकरणों को पढ़ें।
1. शब्द तथा पद क्या है? इसकी परिभाषा, विशेषताएँ एवं महत्त्व।
2. शब्द के प्रकार (शब्दों का वर्गीकरण)
3. तत्सम का शाब्दिक अर्थ एवं इसका इतिहास।
4. तद्भव शब्द - अर्थ, अवधारणा एवं उदाहरण
5. विदेशी/विदेशज (आगत) शब्द एवं उनके उदाहरण
6. अर्द्धतत्सम एवं देशज शब्द किसे कहते हैं?
शब्द निर्माण एवं प्रकारों से संबंधित प्रकरणों को पढ़ें।
1. द्विज (संकर शब्द) किसे कहते हैं? उदाहरण
2. ध्वन्यात्मक या अनुकरण वाचक शब्द किन्हें कहते हैं?
3. रचना के आधार पर शब्दों के प्रकार- रूढ़, यौगिक, योगरूढ़
4. पारिभाषिक, अर्द्धपारिभाषिक, सामान्य शब्द।
5. वाचक, लाक्षणिक एवं व्यंजक शब्द
6. एकार्थी (एकार्थक) शब्द - जैसे आदि और इत्यादि वाक्य में प्रयोग
7. अनेकार्थी शब्द किसे कहते हैं? इनकी सूची
8. पूर्ण एवं अपूर्ण पर्याय शब्द एवं उनके उदाहरण
9. श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द क्या होते हैं एवं शब्द सूची
I Hope the above information will be useful and
important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण
होगी।)
Thank you.
R F Temre
rfhindi.com
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
Comments