अर्द्धतत्सम एवं देशज शब्द किसे कहते हैं इनके उदाहरण || Hindi Shabdon ke prakar - Arddhatatsam and Deshaj Shabd
अर्द्धतत्सम शब्द - नाम से ही स्पष्ट है अर्द्ध अर्थात् आधा। तत्सम यानी ज्यों का त्यों। ऐसे शब्द जो पूर्णतः ज्यों के त्यों न रहकर उनमें हल्का सा परिवर्तन होकर प्रयुक्त होते हैं अर्थात जो न तो पूरी तरह से तत्सम हैं न तो तद्भव उन्हें ही अर्द्धतत्सम शब्द कहते हैं।
उदाहरण -
तत्सम - अर्द्धतत्सम - तद्भव
अग्नि - अगिन - आग
अक्षर - अच्छर - आखर
वत्स - वच्छ - बच्चा
चूर्ण - चूरन - चूर
कार्य - कारज - काज
देशज शब्द - देशज का अर्थ है देश में उत्पन्न अर्थात हिन्दी भाषा के वे शब्द जो अपने देश की विभिन्न बोलियों एवं भाषाओं से हिन्दी में आयें हैं, जिनकी व्युत्पत्ति किसी संस्कृत धातु या व्याकरण के नियमों से नहीं हुई है अर्थात ये शब्द न तो संस्कृत के हैं, न संस्कृत से बने हैं और न ही विदेशी हैं। ये शब्द तो अपने ही देश की उपज हैं जो देशज कहलाते हैं। लोकभाषाओं में ऐसे शब्दों की अधिकता है। प्रायः देशज 'शब्द' वे स्वदेशी शब्द हैं जो अपने देश में ही बोलचाल से बने है।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो देशज शब्द ग्रामीण अथवा लोकभाषा के शब्द हैं। ऐसे शब्द दो प्रकार के है- एक वे जो आदिवासी जातियों से अपनाये गए हैं, और दूसरे वे जो लोगों ने गढ़ लिये हैं। देशी या देशज शब्द जिनका स्रोत, अज्ञात रहता है। विद्वानों का मानना है "सम्भवतः भाषा की तत्कालीन आवश्यकता की पूर्ति के लिए देशज शब्दों का निर्माण होते रहता है।"
देशज शब्दों के उदाहरण
(क) कोल संथाल आदि जातियों की बोलियों के शब्द - कदली (केला), कपास, कौड़ी, गज (हाथी), टोडा, तोरी, ताम्बूल, परवल, बाजरा, भिण्डी, मिर्च, सरसों।
(ख) द्रविड़ जातियों की भाषाओं के शब्द - ऊखल, कज्जल, कांच, कुटि, कुण्ड, कुदाल, केतकी, कोण, घुण, चिकना, चन्दन, चूड़ी, ताला, दण्ड, नीर, पिण्ड, बल, माला, मीन, मुकुट, शव आदि। हमारे देखते-देखते डोसा, इडली, सांभर, पिल्ला आदि शब्द हिन्दी में समाहित हो गये हैं।
(ग) अन्य उदाहरण - कटोरी, कटोरा, थाली, पेट, पेड़, गाछ, चप्पल, झाडू, टट्टी, पगड़ी, लोटा, झोला, टाँग, ठेठ, खिड़की, थूक, टर्राना, खड़खड़, भड़-भड़, खटर पटर, फुनगी, खिचड़ी, डोंगा, डाब, टंगड़ी, तेंदुआ, बियाना, पुनगी, लंगड़ा, लत्ता, कुत्ता, रोटी, बेटा, आटा, तिलौरी, दाढ़ी, ढीट, सोलंकी, साँठ, मुनियाँ, भड़ास, चसक, चमचम, टाली, डेढ, गिलौरी, काँगड़ा, कबड्डी, गलगल, पेठा, पपीता, भड़ास, जूता, कटोरा, कठीत, भीत, लडुआ रहतुआ, देमचरा, बिराना, डबुआ कुरुड़, पानी, छाती, कटरा, पेट, बाप खिचड़ी, फुनगी, पेड, घरौंदा, झोंपड़ी, घोंसला, पिल्ला, पैर, चिड़िया, कटरा, अंटा, ठेठ, ठुमरी, खखरा, चसक, कलाई, डिबिया इत्यादि।
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3. तत्सम का शाब्दिक अर्थ एवं इसका इतिहास।
4. तद्भव शब्द - अर्थ, अवधारणा एवं उदाहरण
5. विदेशी/विदेशज (आगत) शब्द एवं उनके उदाहरण
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R F Temre
rfhindi.com
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
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