विद्या ददाति विनयम्

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हिन्दी भाषा एवं व्याकरण || भाषा से व्याकरण का सम्बन्ध || Hindi Language and Grammar

'भाषा' वाक्यों से बनती है, 'वाक्य' शब्दों से बनते हैं और 'शब्द' मूल ध्वनियों से बनते हैं। वाक्यों में इन्हीं के अंग-प्रत्यंगों का अध्ययन किया जाता है। इस तरह व्याकरण भाषा पर आश्रित होती है। कामता प्रसाद गुरु ने व्याकरण के सम्बन्ध में कहा है - "जिस शास्त्र में शब्दों के शुद्ध रूप और प्रयोग के नियमों का निरूपण होता है, उसे व्याकरण कहते हैं।"
व्याकरण के नियम प्रायः लिखित भाषा को ही लक्ष्य करके निश्चित किए जाते हैं, क्योंकि बोलने की अपेक्षा लिखित भाषा में शब्दों का प्रयोग अधिक सावधानी के साथ किया जाता है। व्याकरण को षड् वेदांगों में सर्वप्रमुख माना गया है। व्याकरण शब्द की व्युत्पत्ति वि + आ + करण जिसका अर्थ है - 'भली-भाँति समझना।'

भाषा से व्याकरण का सम्बन्ध

भाषा से व्याकरण का वही सम्बन्ध है जो प्राकृतिक विकारों के साथ विज्ञान का होता है। जिस प्रकार प्रकृति में कोई भी घटना नियम विरुद्ध घटित नहीं है, इसी प्रकार भाषा भी नियम विरुद्ध नहीं चल सकती। वैयाकरणाचार्य इन्हीं नियमों का पता लगाकर सिद्धान्त स्थिर करते हैं। व्याकरण में भाषा की रचना, शब्दों की व्युत्पत्ति व विचाराभिव्यक्ति के संदर्भ में उनके शुद्ध प्रयोग बताए जाते हैं, जिनकी सहायता से हम भाषा के नियमों को जान सकते हैं और भाषा सम्बन्धी अपनी भूलों को जानकर आवश्यक सुधार कर सकते हैं।

व्याकरण की उपयोगिता

व्याकरण की सहायता से भाषा का पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में तथा विदेशी भाषा सीखने में सहायता मिलती है। भाषा की परिभाषा देते समय यह कहा गया था कि भाषा एक व्यवस्था है। अतः जहाँ कोई व्यवस्था होगी, वहाँ नियम भी होंगे। भाषा भी यदि एक व्यवस्था है तो भाषा के भी नियम होने चाहिए। वस्तुतः ये नियम ही उस भाषा को नियन्त्रित करते हैं। भाषा के ये नियम भाषा के सभी स्तरों- 'वाक्य', 'उपवाक्य', 'पदबंध', 'पद', 'शब्द', 'ध्वनि' आदि पर कार्य करते हैं। ये नियम ही हमें बताते हैं कि हिन्दी में शब्द के आरम्भ में कभी भी जड़ ध्वनियाँ नहीं आती। इसी तरह शब्द के उच्चारण तथा लेखन के अपने-अपने नियम होते हैं। हिन्दी में हम लिखते तो हैं 'उषा' लेकिन 'घ' ध्वनि का उच्चारण नहीं करते। 'च' का उच्चारण भी "श' के समान ही किया जाता है। हम 'उषा' न बोलकर 'उशा' बोलते हैं। दूसरी ओर ये नियम हमें यह भी बताते हैं कि कौनसा वाक्य शुद्ध है, कौनसा अशुद्ध तथा यदि कोई वाक्य अशुद्ध है तो क्यों अशुद्ध है-
जैसे-'लड़के ने रोटी खाई' वाक्य शुद्ध है तथा
'लड़के ने रोटी खाया' अशुद्ध है।
क्योंकि नियमानुसार जब कर्त्ता के साथ कोई परसर्ग लगा होता है तो क्रिया कर्म की संज्ञा के अनुसार बदलती है।

भाषा के नियमों का संग्रह - व्याकरण

व्याकरण मुख्यत: भाषा के नियमों का संकलन और विश्लेषण करता है और इन नियमों को स्थिर करता है। व्याकरण के विभिन्न नियमों के स्थिर होने से भाषा में एक प्रकार की मानकता आती है जो भाषा को परिनिष्ठित बनाने में सहायक होती है। विकास की आरम्भिक अवस्था में भाषा में उच्चारण, शब्द प्रयोग, वाक्य-गठन तथा अर्थों के रूपों में प्राय: प्रयोजन रहित विकल्प मिलते हैं, किन्तु जैसे-जैसे भाषा विकसित होती जाती है, वैसे-वैसे अस्वीकार्य रूपों में भेद करना सरल हो जाता है। व्याकरण का एक प्रयोजन यह भी है कि वह प्रचलित भाषा प्रयोग का विश्लेषण कर समाज द्वारा ग्राह्य या सही भाषा रूपों का संकेत दे।

व्याकरण रचना का आधार

व्याकरण भाषा के नियम नहीं बनाती। किसी भी भाषा-समाज के अधिकांश लोग या शिष्ट वर्ग भाषा के लिए रूप का प्रयोग करते हैं, उसी को वैयाकरणाचार्य आधार मानकर उस भाषा के व्याकरण की रचना करते हैं। इस प्रकार व्याकरण मूलतः समाज द्वारा सिद्ध प्रयोग का ही अनुसरण करता है। वह स्वयं अपने नियम बनाकर समाज को नहीं कहता। समय के साथ-साथ भाषा में परिवर्तन होता जाता है और व्याकरणविद् भी उन परिवर्तनों को ध्यान में रखकर व्याकरण में यथावश्यक परिवर्तन करते चलते हैं।

भाषा की स्पष्टता का आधार - व्याकरण

व्याकरण हमें इन्हीं नियमों तथा उनके प्रयोगों के बारे में बताता है। भाषा के इन सभी नियमों का अध्ययन जिस शास्त्र के अन्तर्गत किया जाता है, उसे 'व्याकरण' कहते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि "व्याकरण वह शास्त्र है, जिसके द्वारा भाषा का शुद्ध एवं सर्वमान्य या मानक रूप बोलना, समझना, लिखना तथा पढ़ना आता है।" व्याकरण का ज्ञान प्राप्त कर कोई भी व्यक्ति भाषा का उचित एवं प्रभावशाली प्रयोग कर सकता है। भाषा के मानक रूप का ज्ञान देकर उसके सही प्रयोग तथा भाषिक तत्वों का विश्लेषण करने में व्याकरण भाषा को नियमों के सूत्र में पिरोकर हमारे विचारों को स्पष्ट रूप से दूसरे पर प्रकट करने सहायता प्रदान करती है।

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I Hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
rfhindi.com

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