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हलन्त का अर्थ, इसके उपयोग एवं प्रयोग के नियम || हलन्तयुक्त एवं हलन्तरहित शब्दों के अर्थ में अंतर || Meaning of Halant and its uses and rules

  • BY:
     RF Temre
  • Posted on:
    January 01, 1970

हलन्त - हिन्दी एवं संस्कृत भाषा में प्रयुक्त एक ऐसा चिन्ह जो वर्णमाला के व्यन्जन वर्णों के नीचे तिरछी रेखा (्) के रूप में लगाया जाता है उसे हलन्त कहते हैं।

हलन्त के प्रयोग का कारण - हिन्दी भाषा में ऐसे बहुत से शब्द मुख से उच्चारित किए जाते हैं, जिनमें प्रयुक्त कुछ व्यन्जनों के उच्चारण में बहुत कम समय लेना होता है। उस समय उस व्यन्जन वर्ण के नीचे हलन्त का प्रयोग किया जाता है। हलन्त का प्रयोग करने से वह व्यन्जन वर्ण आधा बन जाता है। उदाहरण के लिए शब्द 'किंचित्' ले तो व्यन्जन वर्ण के नीचे हलन्त का प्रयोग किया गया है। यहाँ पर 'त्' का उच्चारण बहुत अल्प समय के लिए किया जाता है। इसी तरह 'विद्यालय' शब्द में 'द्' आधा वर्ण है। यदि इसे विस्तार करके लिखा जाए तो 'वि+द्+या+ल+य' होगा। यहाँ 'द्' में हलन्त का प्रयोग कर इसका अल्प उच्चारण किया जाता है।

हलन्त जब किसी व्यन्जन वर्ण के नीचे लगाया जाता है तो वह व्यन्जन वर्ण स्वररहित हो जाता है अर्थात जिस व्यन्जन के बाद यह चिह्न लगा होता है उस व्यन्जन में छिपा हुआ 'अ' समाप्त हो जाता है। इस तरह उस व्यन्जन वर्ण का प्रयोग शुद्ध रूप में होता है। हलन्त किसी वर्ण के आधे होने का एक सूचक चिह्न है। हलन्त युक्त व्यन्जनों का एक अकेले वर्ण के रूप में उच्चारण करना संभव नहीं है। यदि किसी शब्द में हलन्त युक्त वर्ण का प्रयोग हुआ है तब उस व्यन्जन का हल्का सा उच्चारण सुनाई देता है।

हलन्त की उत्पत्ति - हलन्त की उत्पत्ति ब्राह्मी लिपि से मानी जाती है। चूँकि बहुत सी लिपियों में इसका प्रयोग किया जाता है। विभिन्न भाषाओं/लिपियों में इसके अलग-अलग नाम हैं, देवनागरी में इसे 'हलन्त' या 'हल्' कहा जाता है तो मलयालम में इसे 'चन्द्रकला' भी कहते हैं।

हलंत संबंधी नियम - हलंत के प्रयोग के संबंध में कुछ नियम भी हैं।
1. जब किसी शब्द में 'मान्' प्रत्यय लगता है तब प्रायः शब्द के अन्त वाले व्यन्जन में हलन्त लगाया जाता है।
उदाहरण - बुद्धिमान्, श्रीमान्, आयुष्मान्।
2. किन्तु जब किसी धातु में 'मान' प्रत्यय का प्रयोग होता है, तब हलन्त का प्रयोग नहीं होता है।
उदाहरण - विराजमान, यजमान, विद्यमान वर्तमान।
3. जिन शब्दों में 'चित्', 'विद्' और 'वान्' प्रत्ययों का प्रयोग होता है उनमें अंतिम वर्ण में हलन्त का प्रयोग होता है।
उदाहरण- चित् - किंचित्, कदाचित्।
विद् - भाषाविद्, शास्त्रविद्।
वान् - गुणवान्, भाग्यवान् रुपवान् ।
4. जिन शब्दों में 'सात्' प्रत्यय का प्रयोग होता है उनमें शब्द के अंतिम वर्ण में हलन्त लगता है।
उदाहरण - आत्मसात्, भूमिसात्।

हलन्तयुक्त एवं हलन्तरहित शब्दों के अर्थ में अंतर-

हलन्त युक्त शब्द अर्थ हलन्त रहित शब्द अर्थ
कीर्तिमान् यशस्वी कीर्तिमान रिकॉर्ड
सन् वर्ष सन जूट
अंतर् अंदर अंतर भिन्नता या फ़र्क़
जगत् संसार जगत कुएँ का चबूतरा
अहम् अहंकार अहम मुख्य या ख़ास
बम् भगवान महादेव की आराधना में प्रयुक्त शब्द बम विस्फोटक गोला

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आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
rfhindi.com

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