विद्या ददाति विनयम्

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



पाठ 6 'प्रेंमचंद के फटे जूते' (विषय- हिन्दी गद्य-खण्ड कक्षा- 9) पाठ का सारांश एवं प्रश्नोत्तर || Path 5 'Premchand ke Fate Jute'

पाठ सारांश-

प्रेमचंद का एक चित्र सामने है जिसमें वे पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। वे टोपी, कुर्ता, धोती पहने हैं। दुबला शरीर है। पैरों में जूते हैं, बाएँ पैर का जूता फटा है जिसमें से उनकी पैर की अंगुली दिखाई दे रही है, जिस पर लेखक की नज़र ठहर जाती है। वे सोचते हैं कि इन्होंने लापरवाही से फोटो खिचा लिया है। वे मन ही मन प्रेमचंद से पूछते हैं कि हे साहित्यिक पुरखे तुम्हें इस बात का अहसास होना चाहिए था कि तुम्हारे पैर का जूता फटा है। इसे धोती को नीचा करके ढक लेते। तुम्हारे चेहरे पर अधूरी सी मुस्कान है जो उपहास सी लगती है। तुम फोटो न खिचाते अथवा फोटो खिचाने को जूते माँग लेते। लोग तो बहुत से काम माँग कर करते हैं। लगता है पत्नी के आग्रह पर फोटो खिचा लिया होगा। जूते हमेशा कीमती रहे हैं। टोपी से तो कई गुने कीमती। तुम महान साहित्यकार हो, फिर भी तुम्हारा जूता फटा है। लेखक कहते हैं कि मेरा जूता भी अच्छा नहीं है किन्तु उससे अँगुली नहीं दिखती। तुम फटा जूता ठाठ से पहने हो पर मैं ऐसा नहीं कर सकता। लगता है तुमने बहुत चक्कर काटे हैं, इसीलिए तुम्हारा जूता फट गया है। कुम्भनदास की भी आने-जाने में पन्हैया फट गई थीं। तुमने किसी सख्त चीज को ठोकर मारी होगी इसलिए जूता फटा। तुम समझौता नहीं कर पाए। तुम हमारी हँसी उड़ा रहे हो। ये ठीक है तुम्हारी अँगुली दिखाई देती है पर तुम्हारा पैर सुरक्षित है। हमारा पैर घिस गया, लहूलुहान हो गया। इसी से तुम हम पर हँस रहे हो। मैं तुम्हारा व्यंग्य समझता हूँ।

लेखक परिचय
हरिशंकर परसाई

हरिशंकर परसाई का जन्म सन् 1922 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के जमानी गाँव में हुआ। नागपुर विश्वविद्यालय से एम. ए. करने के बाद कुछ दिनों तक अध्यापन किया। सन् 1947 से स्वतन्त्र लेखन करने लगे। जबलपुर से वसुधा नामक पत्रिका निकाली, जिसकी हिन्दी संसार में काफ़ी सराहना हुई। सन् 1995 में उनका निधन हो गया।
हिन्दी के व्यंग्य लेखकों में उनका नाम अग्रणी है। परसाई जी की कृतियों में ― 'हँसते हैं रोते हैं', 'जैसे उनके दिन फिरे' (कहानी संग्रह), 'रानी नागफनी की कहानी', 'तट की खोज' (उपन्यास), 'तब की बात और थी', 'भूत के पाँव पीछे', 'बेईमानी की परत', 'पगडंडियों का जमाना', 'सदाचार का तावीज़', 'शिकायत मुझे भी है', 'और अंत में', (निबंध संग्रह), 'वैष्णव की फिसलन', 'तिरछी रेखाएँ', 'ठिठुरता हुआ गणतन्त्र', 'विकलांग श्रद्धा का दौर' (व्यंग्य संग्रह) उल्लेखनीय हैं।
भारतीय जीवन के पाखण्ड, भ्रष्टाचार, अंतर्विरोध, बेईमानी आदि पर लिखे उनके व्यंग्य लेखों ने शोषण के विरुद्ध साहित्य की भूमिका का निर्वाह किया। उनका व्यंग्य लेखन परिवर्तन की चेतना पैदा करता है। कोरे हास्य से अलग यह व्यंग्य आदर्श के पक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक पाखंड पर लिखे उनके व्यंग्यों ने व्यंग्य- साहित्य के मानकों का निर्माण किया। परसाई जी बोलचाल कीसामान्य भाषा का प्रयोग करते हैं किंतु संरचना के अनूठेपन के कारण उनकी भाषा की मारक क्षमता बहुत बढ़ जाती है।

प्रश्न अभ्यास-

प्रश्न 1. हरिशंकर परसाई ने प्रेमचन्द का जो शब्द चित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेंमचन्द के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं ?
उत्तर - हरिशंकर परसाई द्वारा प्रस्तुत शब्द चित्र से प्रेमचन्द की कई विशेषताएँ उभरकर आती हैं-
(1) प्रेंमचन्द दुबले-पतले शरीर वाले सीधे एवं सरल व्यक्ति थे। उनकी वेशभूषा सादा थी। सिर या टोपी, कुर्ता, धोती पहनते थे। केनवस के जूते पहनते थे।
(2) प्रेंमचन्द आर्थिक दृष्टि से तंग थे वे जूतों के फटने पर भी बदल नहीं पाते थे। मोटा कपड़ा पहनते थे।
(3) उन्हें बनावटी जीवन की चमक-दमक प्रिय नहीं थी। जैसे थे वैसा ही वे स्वयं को दिखाने में विश्वास करते थे।
(4) वे स्वाभिमानी तथा संघर्षशील व्यक्ति थे। किसी से कुछ माँगना उन्हें पसन्द नहीं था।
(5) वे समझौतावादी नहीं थे। बुराइयों को नजरंदाज करना उनके स्वभाव में नहीं था।
(6) उन्होंने वर्षों से चली आ रही शोषण, दमन आदि बुराइयों को समूल नष्ट करने के लिए श्रेष्ठ यथार्थवादी साहित्य की रचना की।
(7) वे महान कथाकार, उपन्यास सम्राट तथा युग प्रवर्तक साहित्यकार थे।

प्रश्न 2. सही कथन का चयन कीजिए ―
(क) बाँए पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अंगुली बाहर निकल आई है।
(ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।
(ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुस्कान मेरे हाँसले बढ़ाती है।
(घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अंगूठे से इशारा करते हो।
उत्तर-
सही कथन- (ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।

प्रश्न 3. नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए―
(क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पच्चीसों टोपियाँ न्यौछावर होती हैं।
उत्तर - यहाँ जूता ताकत का प्रतीक है तथा टोपी प्रतिष्ठा, इज्जत की प्रतीक है। व्यंग्य यह है कि शक्ति के सामने इज्जत का कोई महत्व नहीं है। ताकत तन, धन, पद आदि किस की भी हो सकती है और इनके बल पर ही इज्जत को दबाया जाता है। आज तो शक्ति के बल पर लोग मनमानी कर रहे हैं।

(ख) तुम परदे का महत्व नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे हैं।
उत्तर - यहाँ परदे का अर्थ छिपाना या ढकना है। कुछ अपनी कमियों को छिपाते हैं तथा अपनी अच्छाइयों को दर्शाते हैं। प्रेमचंद ऐसे नहीं थे। वे परदा नहीं डालते थे। लेकिन आज के साहित्यकार जो अपनी कमियों पर परदा डालने में विश्वास करते हैं उन पर व्यंग्य किया गया है।

(ग) जिसे तुम पृणित समझते हो, उसकी तरफ हाथ की नहीं, पाँव की अंगुली से इशारा करते हो।
उत्तर - यहाँ पर व्यंग्य यह है कि घृणा के योग्य व्यक्ति के साथ कभी शिष्ट व्यवहार नहीं करना चाहिए। उसकी जूतों से खबर लेनी चाहिए ये जूते के यार होते हैं। प्रेमचंद के बाएँ पैर के फटे जूते से निकलने वाली अँगुली यही इशारा कर रही है।

प्रश्न 4. पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि 'फोटो खिचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी ?' लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है की 'नहीं इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होगी।' आपके अनुसार इस सन्दर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?
उत्तर - मेरा विचार है कि लेखक के विचार प्रेंमचन्द के बारे में इसलिए बदले कि
(1) उन्होंने जान लिया कि यह आदमी जैसा है वैसा ही दिखाने में विश्वास करता है, यह यथार्थवादी है।
(2) इसकी आर्थिक हालत अच्छी नहीं है।
(3) इसका सीधा एवं सरल स्वभाव है।

प्रश्न 5. आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन-सी बातें आकर्षित करती हैं?
उत्तर - इस व्यंग्य को पढ़ने पर लेखक की कई बातें आकर्षित करती हैं।
(1) लेखक की दृष्टि बड़ी सूक्ष्म निरीक्षिका है। इसी कारण वे प्रत्येक अंश में अलग-अलग व्यंग्य करते हैं।
(2) गहरी अनुभूति - लेखक की अनुभव क्षमता बहुत गहरी है।
(3) सशक्त अभिव्यक्ति - लेखक की भाषा-शैली में भावों को प्रेषित करने की पूरी-पूरी क्षमता है। (4) कटु बात को भी सहज ढंग से कह दिया गया है।

प्रश्न 6. पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग किन सन्दर्भों को इंगित करने के लिए किया गया है ?
उत्तर - पाठ में टीले शब्द का प्रयोग सामाजिक बुराइयों के विशाल ढेर से है। निर्धन दलित, किसान, मजदूर, स्त्री आदि के शोषण, महाजनी प्रथा, ढोंग पाखण्ड आदि बुराइयों ने वर्षों से समाज को आगे बढ़ने से रोका है। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में इन बुराइयों को उखाड़ फेंकने का सन्देश दिया है। टीले का रूप धारण करने वाली सामाजिक आदि बुराइयाँ ही हैं।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 7. प्रेमचन्द के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।
उत्तर-
जीन्स वाली लड़की
मेरे गाँव के पास के विद्यालय में सभी बच्चे पेण्ट-कमीज तथा लड़कियाँ शलवार-कुर्ता पहनकर आती हैं। किन्तु इस वर्ष एक लड़की शहर से पढ़ने आ गई है। उसके पिता पुलिस में दरोगा थे। वे रिटायर होकर आए तो वह भी गाँव आ गई। वह कक्षा 8 तक दिल्ली में पढ़ी थी। वह जीन्स पहनकर विद्यालय आई। पहले दिन तो सभी बच्चे उसे देखकर चकित रह गए। उस विद्यालय में किसी पर जीन्स नहीं थी। उसकी जीन्स घुटनों से लेकर नीचे तक छेददार थी। इस तरह फटी जीन्स देखकर मैंने सोचा कि इसके पिताजी तो धनी है फिर भी वह फटे कपड़े क्यों पहनती है। जब उसके चाचा की लड़की ने उससे पूछा कि फटी जीन्स पहनकर स्कूल क्यों आ गई हो, तो उसने बताया यह फटी नहीं है, आजकल यह फैशन है। हम सुनकर दंग रह गए। फटे कपड़े भी फैशनेबल हो सकते हैं ?

प्रश्न 8. आपकी दृष्टि में वेश-भूषा के प्रति लोगों में आज क्या परिवर्तन आया है ?
उत्तर - परिवर्तन मानव स्वभाव का अंग है। जो कपड़ा पहले शरीर ढकने के लिए पहना जाता था, आज वह प्रतिष्ठा, शान का प्रतीक बन गया है। युवा वर्ग में तो अजीब-अजीब फैशन आ गए हैं। कोई इतनी चुस्त पोशाक पहनता है कि कहीं गिर जाए तो कपड़े फटने का डर रहता है। कुछ इतनी ढीली ड्रेस पहनते हैं कि उसमें दो समा जायें। लगता यह है कि सबसे अलग दिखाने की प्रवृत्ति ने फैशन को नये नये रूप दिए हैं। आज पोशाक स्तर प्रतिष्ठा आदि का प्रतीक हो गई है। बाजार में फटे तथा छेददार कपड़ों की बहुत माँग है। इसलिए आज वेशभूषा में बहुत परिवर्तन आ गये हैं।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 9. पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर - पाठ में आए मुहावरों का वाक्य प्रयोग-
(i) एहसास होना - (अनुभूति होना) मोहन को अपनी भूल का एहसास होना चाहिए।
(ii) कुर्बान होना - (न्योछावर) देश में कुर्बान होना गौरव की बात है।
(iii) हाँसले पस्त करना - (हताश करना) भारतीय वीरों के सामने बड़े-बड़ों के सले पस्त हो जाते हैं।
(iv) पहाड़ तोड़ना - (असम्भव कार्य करना) पहाड़ तोड़ने वाले तो अलग ही होते हैं।
(v) बाजू से निकलना - (बचकर चलना) आज का व्यक्ति बाजू से निकलने में कुशल है।

प्रश्न 10. प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का प्रयोग किया है, उनकी सूची बनाइए।
उत्तर - प्रेंमचन्द के व्यक्तित्व को उभारने के लिए प्रयोग किए गए विशेषण हैं-
(1) महान कथाकार,
(2) उपन्यास सम्राट,
(3) युग प्रवर्तक,
(4) साहित्यिक पुरखे,
(5) जनता के लेखक।

कक्षा 9 क्षितिज (हिन्दी विशिष्ट) के पद्य खण्ड के पाठ, उनके सार, अभ्यास व प्रश्नोत्तर को पढ़ें।
1. पाठ 9 साखियाँ और सबद (पद) भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
2. पाठ 10 'वाख' भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
3. पाठ 11 'सवैये' भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
4. पाठ 12 'कैदी और कोकिला' भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
5. पाठ 13 'ग्रामश्री' भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
6. पाठ 14 चंद्र गहना से लौटती बेर केदारनाथ अग्रवाल भावार्थ एवं अभ्यास

कक्षा 9 क्षितिज (हिन्दी) के गद्य खण्ड के पाठ, उनके सारांश एवं अभ्यास
1. पाठ 1 'दो बैलों की कथा' पाठ, का सारांश, अभ्यास एवं व्याकरण
2. सम्पूर्ण कहानी- 'दो बैलों की कथा' - प्रेंमचन्द
3. दो बैलों की कथा (कहानी) प्रेंमचन्द
4. पाठ- 2 'ल्हासा की ओर' - यात्रावृत्त - राहुल सांकृत्यायन
5. पाठ- 2 'ल्हासा की ओर' (यात्रा-वृत्तान्त, लेखक- राहुल सांकृत्यायन), पाठ का सारांश, प्रश्नोत्तर, भाषा अध्ययन, रचना और अभिव्यक्ति (कक्षा 9 हिन्दी)
6. पाठ - 3 'उपभोक्तावाद की संस्कृति' (विषय हिन्दी गद्य-खण्ड कक्षा - 9) प्रश्नोत्तर अभ्यास
7. साँवले सपनों की याद– जाबिर हुसैन, प्रमुख गद्यांश एवं प्रश्नोत्तर।
8. नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया — चपला देवी, Class 9th Hindi क्षितिज पाठ-5 अभ्यास व प्रश्नोत्तर

कक्षा 9 संस्कृत के पाठों व प्रश्नोत्तर पढ़ें।
1. पाठः प्रथमः 'भारतीवसन्तगीतिः' (विषय - संस्कृत कक्षा- 9) सारांश, भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
2. पाठः द्वितीयः 'स्वर्णकाकः' (विषय - संस्कृत कक्षा- 9) सारांश, भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
3. पाठः तृतीयः 'गोदोहनम्' विषय - संस्कृत (कक्षा- 9) सारांश, भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर

भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.)
1. भारत एवं विश्व के देशों के आकार व स्थिति | Size And Position Of India And Countries Of The World
2. विश्व तथा भारत (एवं उसके पड़ोसी देश) | World And India (And Its Neighboring Countries)
3. भारत की स्थलाकृतियाँ– शैलें और प्लेटें | Topography Of India– Rocks And Plates
4. भारतीय स्थलाकृतियों का निर्माण– गोंडवाना भूमि | Formation Of Indian Topographies– Gondwana Land
5. हिमालय– हिमाद्रि (ऊँचे शिखर), हिमाचल, शिवालिक | Himalaya– Himadri (High Peak), Himachal, Shivalik

भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.)
1. भारत का उत्तरी मैदान– भाबर, तराई, भांगर, खादर | Northern Plains Of India– Bhabar, Terai, Bhangar, Khadar
2. प्रायद्वीपीय पठार– मध्य उच्चभूमि, दक्कन ट्रैप | Peninsular Plateau– Central Highlands, Deccan Trap
3. भारतीय मरूस्थल और तटीय मैदान | Indian Desert And Coastal Plain
4. लक्षद्वीप (प्रवाल), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह | Lakshadweep (Coral), Andaman And Nicobar Islands
5. अपवाह तंत्र एवं अपवाह प्रतिरूप | Drainage System And Drainage Pattern

भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.)
1. भारत में अपवाह तंत्र– हिमालय की नदियाँ एवं प्रायद्वीपीय नदियाँ | Drainage System In India– Himalayan Rivers And Peninsular Rivers
2. सिन्धु नदी तंत्र एवं सहायक नदियाँ | Indus River System And Tributaries
3. गंगा नदी तंत्र एवं सहायक नदियाँ | Ganges River System And Tributaries
4. भारत में ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र | Brahmaputra River System In India
5. महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा, तापी | Mahanadi, Godavari, Krishna, Kaveri, Narmada, Tapi

भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.)
1. भारत में झीलें | Lakes In India
2. नदी प्रदूषण एवं नदी संरक्षण | River Pollution And River Conservation
3. जलवायु (भारत की जलवायु), मौसम, ऋतु | Climate (Climate Of India), Weather, Seasons
4. जलवायवी नियंत्रण– अक्षांश, ऊँचाई, वायु दाब, समुद्र से दूरी, महासागरीय धाराएँ, उच्चावच लक्षण | Climate Control
5. कोरिआलिस बल, जेट धाराएँ, चक्रवातीय विक्षोभ | Corialis Force, Jet Streams, Cyclonic Disturbances

भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.)
1. भारत पर मानसूनी पवनों का प्रभाव | Effect Of Monsoon Winds On India
2. भारतीय मानसून का आगमन एवं वापसी | Indian Monsoon Arrival And Withdrawal
3. भारत में शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु | Winter Season And Summer Season In India
4. भारत में वर्षा ऋतु (मानसून का आगमन) | Rainy Season In India (Arrival Of Monsoon)
5. भारत की प्राकृतिक वनस्पति | Natural Vegetation Of India

भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.)
1. भारतीय वनस्पति के प्रकार एवं विशेषताएँ | Types And Characteristics Of Indian Plants
2. भारत में उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन (वर्षा वन) | Tropical Evergreen Forest (Rain Forest) In India
3. भारत में उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन (मानसूनी वन) | Tropical Deciduous Forest (Monsoon Forest) In India
4. नागफनी की पत्तियाँ छोटी और काटेदार क्यों होती हैं? | भारत में कटीले वन एवं झाड़ियाँ | Information About Thorny Forests
5. पर्वतीय क्षेत्रों के वृक्ष शंकुधारी क्यों होते हैं? | पर्वतीय वन || Mountain Forests

भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.)
1. भारत में मैंग्रोव वन | Mangrove Forest In India

I Hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
rfhindi.com

  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

  • BY: ADMIN
  • 0

'बच्चे काम पर जा रहे हैं' (पाठ - 17 विषय - हिन्दी काव्य-खण्ड कक्षा- 9) सारांश, भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर || 9th hindi 'bachche kaam par ja rahe hain'

कक्षा- 9 विषय - हिन्दी काव्य-खण्ड के पाठ 17 'बच्चे काम पर जा रहे हैं' का सारांश, भावार्थ एवं सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर यहाँ दिये गए हैं।

Read more
  • BY: ADMIN
  • 0

पाठ - 16 'यमराज की दिशा' (विषय - हिन्दी काव्य-खण्ड कक्षा- 9) सारांश, भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर || Path 8 'Yamraj Ki Disha'

कक्षा- 9 विषय - हिन्दी काव्य-खण्ड के पाठ - 16 'यमराज की दिशा' का सारांश, भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर यहाँ दिये गए हैं।

Read more
  • BY: ADMIN
  • 0

पाठ - 15 'मेघ आए' (विषय - हिन्दी काव्य-खण्ड कक्षा- 9) सारांश, भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर || Path 7 'Megh aaye' summary and exercise

कक्षा 9 हिंदी क्षितिज के पाठ 15 'मेघ आए' कविता सर्वेश्वर दयाल सक्सेना द्वारा लिखित है जिसका सारांश और संपूर्ण अभ्यास यहाँ दिया गया है।

Read more